पीडीएस सर्वे : शहर के शेष बचे परिवारों का सर्वे करेंगे विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी -
जबलपुर | 


 




  
जबलपुर शहर में पीडीएस सर्वे की धीमी गति को देखते हुए अब विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों को पात्रता पर्चीधारी परिवारों के सत्यापन का दायित्व सौंपा जा रहा है। इस बारे में आज मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में जिला अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया और उन्हें सर्वे की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी गई। जिला अधिकारियों का यह प्रशिक्षण कल बुधवार को भी होगा। इसमें आज शामिल होने से छूट गये अधिकारी शामिल होंगे।
         कलेक्टर श्री भरत यादव ने दोपहर को प्रशिक्षण में शामिल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नगर निगम क्षेत्र में पीडीएस परिवारों के सर्वे के काम में गति लाने की जिम्मेदारी अबउन्हें सम्हालनी होगी। श्री यादव ने इन अधिकारियों को सर्वे के बारे में शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से अवगत कराते हुए कहा कि वे अपने पसंद के मुताबिक दल चुन सकते हैं चाहें तो वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की सेवा भी इस काम के लिए ले सकते हैं।
         कलेक्टर ने नगर निगम द्वारा अधूरे छोडे गये इस कार्य को भी शीघ्र पूरा कर लेने की अपेक्षा भी अधिकारियों से की। उन्होंने कहा कि अगली समय-सीमा बैठक में जबलपुर शहर में पीडीएस सर्वे में हुई प्रगति की समीक्षा भी की जायेगी। प्रशिक्षण में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित भी मौजूद थे।  
         प्रशिक्षण में जिला अधिकारियों को जिला सूचना अधिकारी आशीष शुक्ला ने पीडीएस सर्वे के प्रत्येक बिन्दु पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सत्यापन पत्रक भरे जाने के साथ मोबाइल एप के माध्यम से सर्वे की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से बताया।
         इस अवसर पर बताया गया कि पीडीएस सर्वे के तहत नगर निगम जबलपुर सीमा क्षेत्र में अभी तक 35 फीसदी परिवारों का ही सर्वे हो सका है। जबकि जिले के शेष नगरीय निकाय और जनपद पंचायतों में यह काम लगभग पूरा हो चुका है। नगर निगम क्षेत्र में अपेक्षित गति सर्वे में न होने की वजह से जिले की रैकिंग भी काफी नीचे आ गई है। दिसंबर माह तक जबलपुर जिला रैकिंग में जहां छठवें स्थान पर था, अब फिसलकर 45वें स्थान पर आ गया है। जबलपुर शहर में पीडीएस सर्वे के लिए नगर निगम के कर्मचारियों-अधिकारियों के 906 दल गठित किये गये थे। इनमें से केवल 512 दलों ने ही सर्वे में सक्रियता दिखाई है। जिला सूचना अधिकारी के मुताबिक प्रदेश में पीडीएस सर्वे का औसत 78 फीसदी है जबकि जबलपुर में 65 फीसदी परिवारों का सर्वे ही अभी तक हो सका है।