नाबार्ड के सहयोग से प्रदेश में खाद्यान्न भंडारण क्षमता का विस्तार कर निजी गोदाम संचालकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही नए गोदामों का निर्माण भी कराया जाएगा। इस काम में नाबार्ड के माध्यम से 221 करोड़ 27 लाख रुपये व्यय किये जाएंगे। अनावश्यक खाद्यान्न परिवहन व्यय को कम करने के लिए विकासखंड स्तर पर 136 चिन्हित स्थानों पर और 76 उपार्जन केन्द्रों पर 500-500 मैट्रिक टन क्षमता के गोदाम-सह-उचित मूल्य दुकानों के लिये भवनों का निर्माण कराया जाएगा। इन भवनों में किसानों एवं हितग्राहियों के लिए शुद्ध पेयजल और सुलभ काम्पलेक्स आदि मूलभूत सुविधाएँ सुनिश्चित की जायेंगी। इस कार्य पर परियोजना की कुल राशि में से 77 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि व्यय की जाएगी। परियोजनान्तर्गत वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन की भण्डारण क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश में अभी वेयर हाऊसों की भण्डारण क्षमता 23 लाख मैट्रिक टन है। अब इन वेयर हाउसों में सीमेन्ट कॉन्क्रीट रोड और बाउड्रीवाल का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही, 250 वेयर हाउसों में सुलभ कॉम्पलेक्स और पेयजल सुविधा के विस्तार का काम जारी है। 74 हजार मैट्रिक टन क्षमता के केप को भी गोदाम के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश में 2 स्थानों पर आधुनिक पद्धति से सर्वसुविधायुक्त गोदाम बनाने और 66 स्थानों पर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया है। इन कार्यों पर परियोजना की कुल राशि में से 143 करोड़ 87 लाख रूपये की राशि व्यय की जाएगी। निजी गोदाम संचालकों को दिए जाने वाले किराये की राशि को 8 रूपये प्रति टन प्रति माह से बढ़ाकर 18 रूपये प्रतिटन प्रतिमाह किया गया है। इससे नवीन गोदामों के निर्माण के लिए लोग प्रोत्साहित होंगे |
नाबार्ड के सहयोग से बढ़ाई जाएगी खाद्यान्न भंडारण क्षमता