जिला चिकित्सालय मुरार की रोगी कल्याण समिति की बैठक सम्पन्न
बीजापुर चिकित्सालय की तर्ज पर चिकित्सालय को विकसित करें
ग्वालियर |


 जिला चिकित्सालय मुरार की रोगी कल्याण समिति की बैठक विधायक श्री मुन्नालाल गोयल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में गत बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन-प्रतिवेदन पर चर्चा करते हुए नए कार्यों की स्वीकृति भी प्रदाय की गई। कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में बुधवार को आयोजित बैठक में कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा, अपर कलेक्टर श्री रिंकेश वैश्य, एसडीएम मुरार श्रीमती जयति सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस के वर्मा, सिविल सर्जन डॉ. डी के शर्मा सहित विभिन्न निर्माण एजेन्सियों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
बैठक में विधायक श्री गोयल ने जिला चिकित्सालय मुरार एवं जच्चाखाना में किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए एजेन्सियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। श्री गोयल ने निर्देश दिए‍ कि जिला चिकित्सालय की दीवार एवं मुख्य द्वार पर लगने वाले जिन हाथ ठेलों को हटाया गया था वे पुन: लगने लगे हैं, उन्हें हटाने की कार्रवाई करें।  
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वे छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिला चिकित्सालय की तर्ज पर जिला चिकित्सालय मुरार को विकसित करें। इसके लिए वे बीजापुर जाकर वहां मरीजों को प्रदाय की जा रहीं स्वास्थ्य सेवाओं एवं अधोसंरचना के कार्यों का अवलोकन कर जानकारी लें। उन्होंने चिकित्सालय के महिला शौचालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी चिकित्सालयों में वेस्टर्न एवं इंडियन टाइप की टॉयलेट लगाई जाएं। उन्होंने कहा कि डस्टबिन एवं पेपर रोल आवश्यक रूप से रखे जाएं। कलेक्टर ने कहा कि जिस प्रकार से मॉल के शौचालयों की साफ-सफाई की व्यवस्था की जाती है उसी तरह चिकित्सालयों के शौचालयों की भी सफाई की जाएं। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में कार्यरत सफाईकर्मी यूनीफार्म के साथ सजग रहे।
    बैठक में कायाकल्प की गाइडलाईन के अनुरूप मॉड्यूलर किचिन बनाने हेतु रिवाइज एस्टीमेट, ऐसा फर्नीचर जो रिपेयर उपरांत उपयोग किया जा सकता है, उसे छोड़कर शेष की नीलामी करने, मैकेनाइज्ड लाउंड्री, 40 – 40 हजार लीटर के ओवरहैड टैंक, फायर सेफ्टी संयंत्र, सिक्यूरिटी गार्ड की व्यवस्था, चिकित्सालय प्रांगण में हाईमास्क लगाने, ड्रग स्टोर को वार्ड में स्थानांतरित करने, वाहन पार्किंग को पक्का कर पानी की नकासी करने, जच्चाखाना के पीछे के सभी भवनों पर सफेदी कर महापुरूषों के चित्र बनाने, रैन बसेरे को वार्ड में शिफ्ट करने, चिकित्सालय में चाय आदि खाद्य पदार्थों को प्लास्टिक डिस्पोजल पर प्रतिबंध लगाने, स्टाफ नर्स की प्रतिनियुक्ति करने, चिकित्सालयों मे संलग्न चिकित्सकों में से कुछ चिकित्सकों को चिकित्सालय में पदस्थ करने, चिकित्सालय में सीटी स्कैन की सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराए जाने, पुलिस चौकी की स्थापना, जच्चाखाना में अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन की व्यवस्था आदि पर चर्चा की गई।