जनसुनवाई में सुनी गई जनता की समस्या
बालाघाट | 


 




    प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई की कड़ी में आज 25 फरवरी 2020 को कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। इसमें अधिकारियों ने आवेदकों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को आवेदकों के आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। जनसुनवाई में कुल 64 आवेदन प्राप्त हुये है।
    जनसुनवाई में परसवाड़ा विकासखंड के ग्राम दीनाटोला के ग्रामीण बिजली कनेक्शन कटने से बंद हुई नंल-जल योजना को चालू कराने की मांग लेकर आये थे। ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांव की नल-जल योजना से पिछले 2 साल से ग्रामीणों को पानी प्रदाय किया जा रहा है। लेकिन एक सप्ताह पहले बिजली बिल भुगतान नहीं होने के कारण नल-जल योजना का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है। जिसके कारण ग्रामीणों को नल-जल योजना से पानी नहीं मिल रहा है। अत: नल-जल योजना का बिजली कनेक्शन शीघ्र जोड़ा जाये।
    जनसुनवाई में बालाघाट तहसील के ग्राम सोनखार के सुरेन्द्र रहांगडाले अपने ट्रेक्टर का 16 हजार रुपये का बकाया भुगतान करवाने की मांग लेकर आये थे। उनका कहना था कि उनके द्वारा अपने ट्रेक्टर से ग्राम सोनखार एवं ग्वारीटोला में शौचालय निर्माण के लिए ईंट, सीमेंट एवं पाईप का वर्ष 2015 में परिवहन किया गया था। जिसका 16 हजार रुपये का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। अत: उसे बकाया राशि का भुगतान कराया जाये। बालाघाट तहसील के ग्राम खुटिया का आशाराम ढवरे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग लेकर आया था। उसका कहना था कि वह इस योजना में पूरी तरह से पात्र है, लेकिन उसे आवास निर्माण के लिए योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। ऐसी ही मांग लेकर वारासिवनी तहसील के ग्राम अंसेरा का तीरथराम भुरे भी आया था।
    जनसुनवाई में समनापुर-मुक्की का वीरसिंह धुर्वे शिकायत लेकर आया था कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत डेकोरेशन व्यवसाय के लिए उसका ऋण प्रकरण स्वीकृत हो गया है और उसका प्रकरण इंडियन ओवरसीज बैंक चारटोला को भेजा गया है। लेकिन सारे दस्तावेज देने के बाद भी बैंक द्वारा उसे ऋण नहीं दिया जा रहा है। परसवाड़ा विकासखंड के ग्राम उड़दना का राजेश परते स्वरोजगार के लिए अपने गांव में  इंटरनेट कैफे प्रारंभ करने आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग लेकर आया था।
    जनसुनवाई में बिरसा तहसील के ग्राम देवरीमेटा, गोवारी, सुकतरा, मंडई एवं अन्य ग्रामों के किसान ओलावृष्टि से रबी फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग लेकर आये थे। इन किसानों का कहना था कि 23 फरवरी 2020 को ओलावृष्टि एवं भारी वर्षा से उनके खेत में लगी चना, मसूर, मटर एवं फसलें पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है। अत: उन्हें फसल क्षति का मुआवजा दिलाया जाये।