भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हथियार माफिया (Arms mafia) का भी गढ़ बन गया लगता है. यहां बड़े पैमाने पर ग़लत तरीके से हथियारों के लायसेंस (Arms license) बनाए जा रहे हैं. ये फर्ज़ीवाड़ा इतना बड़ा है कि जम्मू-कश्मीर के लाइसेंस भी यहां रिन्यू और बना दिए गए. सतना में हाल ही में हुए इस खुलासे के बाद अब STF पूरे प्रदेश में कार्रवाई करने की तैयारी में है. बस सरकार की इजाज़त का इंतज़ार है.
सतना जिले में शस्त्र लायसेंस फर्जीवाड़ा खुलासे के बाद अब एसटीएफ को सरकार की हरी झंडी का इंतजार है.इजाज़त मिलते ही वो प्रदेश के दूसरे जिलों में कार्रवाई शुरू कर देगी. सतना की तर्ज पर ही बाकी के जिलों में भी कार्रवाई होगी
एसटीएफ ने कुछ दिन पहले सतना जिले में कैंप लगाकर तमाम शस्त्र लायसेंस की जांच की थी.इसमें पता चला था कि नियमों को ताक पर रखकर शस्त्र लाइसेंस दिए गए. जिन बातों की इजाज़त ही नहीं थी उसकी भी परमिशन दे दी गयी. कारतूस की संख्या और क्षेत्र तय नियम से ज़्यादा दे दिया गया. और भी कई संशोधन अपने स्तर पर ही फर्जी तरीके से किए गए.प्रारंभिक जांच में एसटीएफ ने 25 एफआईआर दर्ज की थीं.जबकि 100 से ज्यादा लायसेंस में फर्जीवाड़ा हुआ है.अभी एसटीएफ की जांच जारी है.
सतना में हुआ था खुलास
एसटीएफ ने सबसे पहले सतना जिले के शस्त्र शाखा के अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की.लायसेंस बनाने वाले व्यक्तियों की भी जांच की जा रही है.सतना के बाद अब एमपी के दूसरे जिले टारगेट पर हैं. इस फर्जीवाड़े से एसटीएफ को अवैध हथियारों और कारतूस की कालाबाजारी का इनपुट मिल रहा है.एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि बाकी जिलों में कार्रवाई के लिए सरकार से अनुरोध करेंगे.सभी जिलों के कलेक्टर ऑफिस में दस्तावेजों की जांच होने के बाद ही सत्यता सामने आएगी.सरकार की अनुमति मिलने के बाद सतना जिले के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों में भी कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
1-शस्त्र लाइसेंस में बिना अनुमति के बिना विधि विरूद्ध सीमा क्षेत्र में वृद्धि की गई.2-अतिरिक्त शस्त्र खरीदने की स्वीकृति सक्षम अधिकारी से ली गयी.
3-बिना शासन के आदेश के कारतूसों की संख्या बढ़ा दी गयी.
4-दीगर प्रदेश के व्यक्तियों को लाइसेंस जारी किए गए.
5-दीगर प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर के शस्त्र लाइसेंस का रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल सतना में कर दिया गया.
6-बिना इजाज़त शस्त्र लाइसेंस की दूसरी कॉपी तैयार कर ली गयी.
बीजेपी सरकार में हुआ था फर्जीवाड़ा
एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि सतना जिले में शस्त्र लाइसेंस की कालाबाजारी और उनके फर्जीवाड़े का मामला विधानसभा में उठा था.इस मामले में सरकार ने जांच के निर्देश दिए थे.एसटीएफ की स्पेशल टीम ने सतना जिले में कैंप लगाकर लाइसेंस से जुड़े 2004 से 2014 के रिकॉर्ड की जांच की, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए.एसटीएफ ने 12 फरवरी को सतना जिले की शस्त्र शाखा प्रभारी अभय राज सिंह, युगुल किशोर गर्ग समेत अन्य व्यक्तियों को आरोपी बनाया है. अवस्थी ने बताया कि दूसरे जिलों में शस्त्र लाइसेंस की जांच के लिए सरकार से अनुमति ली जाएगी.