धर्म के सानिध्य में परम तत्व के विराट दर्शन
नर्मदा गौ-कुंभ : भव्य शोभायात्रा ने मोह लिया मन, सरकारी अमले ने इंतजाम किये चाक-चौबंद, नागा साधुओं ने रमाई धूनी, बुधवार से होगा संत समागम का शुभारंभ, श्रद्धालुओं के आवागमन और भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था
जबलपुर |


 





   लोककल्याण के पवित्र उद्देश्य के लिये आयोजित नर्मदा गौ-कुंभ संत समागम के द्वितीय दिवस आज मां नर्मदा के तट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की उपस्थिति प्रारंभ हो गयी। इस आयोजन में धर्म के सानिध्य में परम तत्व के विराट दर्शन हो रहे हैं। विभिन्न पंथों और अखाड़ों के साधु-संतों के आगमन का सिलसिला प्रारंभ हो चुका है।
    एक तरफ जहां संत समाज इस आयोजन के माध्यम से लोगों को धर्म और आध्यात्म का संदेश दे रहा है तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार  श्रद्धालुओं के लिये हर संभव व्यवस्थायें जुटाने के लिये संकल्पित है। मप्र सरकार द्वारा आयोजित एवं प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत की अध्यक्षता में जिला प्रशासन,  नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी का अमला कुंभ में जमीनी स्तर पर बेहतर इंतजाम करने के लिये दिन-रात जुटा हुआ है। कुंभ के मुख्य यजमान गौरव भनोत कुंभ स्थल पर निरंतर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
-शोभायात्रा में लहरायी धर्म ध्वजा


   आज अपरान्ह् 3 बजे नर्मदा गौ-कुंभ की शोभायात्रा में धर्म ध्वजा लहरायी। संतों ने पहले कन्या पूजन किया, उसके बाद नर्मदा पूजन। इसके बाद शोभायात्रा उमाघाट से कुंभ स्थल पहुंची। शोभायात्रा में पीत वस्त्र धारिणी महिलायें आगे-आगे कलश लेकर चल रही थीं। पीछे संत प्रवर और अंत में श्रद्धालुजन शामिल थे। बैंड वादन दल ने आकर्षक प्रस्तुतियां दी। शोभयात्रा में आयोजन के संरक्षक संस्थापक जगद्गुरु डॉ. स्वामी श्यामदेवाचार्य महाराज, संयोजक डॉ. स्वामी नरसिंहदास महाराज सहित वृहद संत समाज की उपस्थिति रही।
-आज से गूंजेगी संत वाणी
    नर्मदा गौ-कुंभ के तृतीय दिवस यानी बुधवार से संत समागम सहित अन्य धार्मिक आयोजन प्रारंभ हो जायेंगे, जिनमें संत प्रवर अपनी वाणी से श्रद्धालुओं को कृतार्थ करेंगे। समागम में मां नर्मदा की स्वच्छता और सुरक्षा पर भी गहन विचार-विमर्श किया जायेगा। आज से प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 12 बजे तक श्री नर्मदा महायज्ञ, महारुद्र यज्ञ एवं गोपुष्टि महायज्ञ के कार्यक्रम संपन्न होंगे। पूर्वान्ह् 11.30 बजे से 3 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा प्रवक्ता आचार्य इंद्रेश उपाध्याय श्रीमद् भागवत कथा पर प्रवचन देंगे। प्रतिदिन पूर्वान्ह् 3 बजे से सायं 7 बजे तक संत समागम होगा। सायं 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक महाआरती होगी। इसी के साथ श्री नर्मदा महायज्ञ, महारुद्र यज्ञ एवं गोपुष्टि महायज्ञ भी प्रारंभ होंगे।
-सफाई के पुख्ता इंतजाम
  

    सड़क पर फैले कचरे को साफ करने के लिये एक अमला लगातार तैनात है, जो प्लास्टिक और दूसरे कचरे को तुरंत साफ करके कचरा गाड़ी में डालने का काम कर रहा है। नगर निगम के इस अमले द्वारा हर घंटे में सड़क पर झाड़ू भी लगायी जा रही है।
-अद्भुत है रात का नजारा
    कुंभ प्रांगण में विविध रंगों की विद्युत साज-सज्जा ने दृश्य को रात में अद्भुत बना दिया है। वहीं प्रवेश द्वार के निकट विराजे भोलेनाथ आस्था को और बढ़ा रहे हैं।   
-जीवनदायिनी की प्रवाह यात्रा
    भटौली में बने विसर्जन कुंड के सामने जबलपुर टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल द्वारा एक प्रदर्शनी लगायी गयी है। इस प्रदर्शनी में जीवनदायिनी मां रेवा की प्रवाह यात्रा जीवंत हो रही है। नर्मदा अपनी यात्रा में किन नगरों को उपकृत करते हुये आगे बढ़ती हैं, ये इस प्रदर्शनी का सबसे अच्छा हिस्सा है।
-आज इनका होगा आगमन
    बुधवार को महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद महाराज, जगद्गुरु शंकराचार्य भानूपुरा पीठाधीश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज एवं महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज का आगमन होगा।
-नागा साधुओं ने दिया आशीर्वाद
    कुंभ में आकर्षण का केन्द्र बने नागा साधुओं ने आज सुबह से ही उनके आसन के सामने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अपने-अपने तरीके से आशीर्वाद दिया। इसी तरह अन्य साधु-संतों ने भी भक्तों को आशीष प्रदान किया।
-नि:शुल्क इंतजाम, आये सबके काम
    जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस प्रशासन एवं स्मार्ट सिटी के अमले ने संयुक्त रूप पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
-कुंभ क्षेत्र तक आने-जाने के लिये जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड द्वारा कुंभ स्थल तक आने-जाने के लिये की गयी मेट्रो बसों की नि:शुल्क व्यवस्था को सभी ने सराहा। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग इन बसों से कुंभ पहुंचे। वहीं, ई -रिक्शों ने भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को कुंभ तक पहुंचाया। सभी को आयोजन स्थल तक सुविधाजनक तरीके से पहुंचने के लिये ये व्यवस्थायें कारगर साबित हुर्इं और सभी ने इन्हें सराहा।
-श्रद्धालुओं के लिये भोजन व्यवस्था 
     श्रद्धालुओं को बेहतर भोजन उपलब्ध कराने के लिये टीमें तैनात की गयी हैं। मुख्य रूप से दो भोजशालायें बनाई गयीं हैं।  पहले पंडाल में साधु-संतों के साथ चलने वाले लोग भोजन कर रहे हैं तो दूसरे में आम जनता के लिये भोजन सहज-सुलभ कराया गया है। सुबह नाश्ते के साथ दोपहर और रात्रि भोजन की व्यवस्था का सभी जन लाभ उठा रहे हैं।  एक अन्य भोजशाला भी है, जिसमें साधु-संतों के लिये भोजन की व्यवस्था की गयी है।
    कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये 6 अस्थायी थाने बनाये गये हैं। जहां से  24 घंटे पुलिस सहायता प्राप्त होगी। पार्किंग के  लिये 15 स्थान चिन्हित किये गये हैं,जिनकी जिम्मेदारी दो सौ यातायात पुलिस कर्मी के कंधों पर होगी। पेयजल की आपूर्ति के लिये 5 हजार लीटर क्षमता वाली 28 टंकियां रखी गयी हैं। प्रसाधनों का इंतजाम आधुनिक तरीके से हुआ है। जिनमें स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। कुंभ क्षेत्र में बैठने के लिये कुर्सियों का इंतजाम भी किया गया है। 24 घंटे 100 कैमरे कुंभ क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों के लिये दो कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं। रेत नाके से भटौली तक सीसीटीवी लगाये गये हैं।