शिव नवरात्रि में श्री महाकालेश्वर मन्दिर में विराजमान भगवान महाकाल ने नौ दिन तक अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दिये। भगवान महाकाल फाल्गुन शुक्ल द्वितीया (चन्द्रदर्शन) मंगलवार 25 फरवरी को पंच मुखारविंद में दर्शन दिये। भगवान महाकाल पंच मुखरविंद में एकसाथ श्री मनमहेश, शिवतांडव, होल्कर, छबिना एवं उमामहेश मुखौटे के रूप में अपने भक्तों को दर्शन दिये। पंच मुखारविंद दर्शन के पूर्व भगवान महाकाल की शाम 5 बजे का पूजन अपराह्न 3 बजे हुआ। तत्पश्चात भगवान श्री महाकाल ने भक्तों को पांच स्वरूपों में श्रृंगारित होकर दर्शन दिये। उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि के पश्चात वर्ष में एक बार ही ऐसा अवसर आता है, जब एक साथ भगवान महाकाल पांच मुखौटों में दर्शन देते हैं।
भगवान महाकाल ने पंच मुखारबिंद में दिये दर्शन
शिव नवरात्रि में श्री महाकालेश्वर मन्दिर में विराजमान भगवान महाकाल ने नौ दिन तक अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दिये। भगवान महाकाल फाल्गुन शुक्ल द्वितीया (चन्द्रदर्शन) मंगलवार 25 फरवरी को पंच मुखारविंद में दर्शन दिये। भगवान महाकाल पंच मुखरविंद में एकसाथ श्री मनमहेश, शिवतांडव, होल्कर, छबिना एवं उमामहेश मुखौटे के रूप में अपने भक्तों को दर्शन दिये। पंच मुखारविंद दर्शन के पूर्व भगवान महाकाल की शाम 5 बजे का पूजन अपराह्न 3 बजे हुआ। तत्पश्चात भगवान श्री महाकाल ने भक्तों को पांच स्वरूपों में श्रृंगारित होकर दर्शन दिये। उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि के पश्चात वर्ष में एक बार ही ऐसा अवसर आता है, जब एक साथ भगवान महाकाल पांच मुखौटों में दर्शन देते हैं।