जिले की जनपद पंचायत श्योपुर के ग्राम पाण्डोला की रहने वाली श्रीमती मुबीना पत्नी श्री इद्रिश आयु 38 वर्ष अपने तीन बच्चों के साथ आर्थिक तंगी भुगत रही थी। साथ ही अपने पति श्री इद्रिश के साथ रोजगार की तलाश में व्यवसाय तलाश रही थी। गावं की महिलाओं ने उनकों बताया कि स्वसहायता समूह बनाया जाकर आर्थिक दशा सुधर सकती है। तब उसने गांव की महिलाओं और आजीविका मिशन के कर्मचारियों की सलाह पर 11 महिला सदस्य जोड़े जाकर बिसमिल्लाह समूह बनाया। उनके द्वारा समूह की पहली बैठक में समूह के सदस्यों से मिलकर 25 रूपये बचत प्रारंभ की इसके बाद आरएफ की राशि 15000/- प्राप्त की। जिससेे सदस्यों ने लेन-देन में इजाफा हुआ। ग्राम पाण्डोला की निवासी श्रीमती मुबीना ने पहली बार अपने समूह से 3200/-, ऋण लिया। जिससे घर की छोटी-छोटी जरूरतो के लिये एक सहारा मिला। इसके बाद उसने दूसरी बार 4300/-, तीसरी बार 2000/- घर खर्च के लिए लेकर समूह से सीआईएफ की राशि 80000/- लेने में सहायक बनी। तद्उपरांत बैंक से सीसीएल 100000/- का ऋण मंजूर हुआ। जिससे मुबीना ने अपनी घर की खेती के लिय क्रमशः 10000/- तथा 5000/-,रूपये समय-समय पर प्राप्त किए। इस राशि में से तीन बच्चों की पढ़ाई आसानी से कराने में सक्षम बन गई। साथ ही जिला मुख्यालय पर बच्चों को पढ़ाने लगी। इसके बाद उनकी आय में इजाफा होने लगा। तब मुबीना ने अपनी जमीन में खेती करने के लिये डीजल इन्जन खरीदने के लिए 34000/-रूपये उदार लिए। इस राशि को दो फसल लेने से चुकता कर दिया। साथ ही दो फसलों की खेती से उनकी आय में इजाफा होने लगा। उनका पति श्री इद्रिश भी उनका सहयोग करने लगा। साथ ही डीजे का व्यवसाय से भी आय में इजाफा होने लगा। ग्राम पाण्डोला की निवासी श्रीमती मुबीना अपने समूह की अध्यक्ष होने के साथ सीआरपी का कार्य भी करने लगी। उनके द्वारा गांव में शौच मुक्त की दिशा में परिवारों को प्रेरित किया गया। साथ ही विशेष जागरूकता अभियान चलाकर शौचालय निर्माण की प्रेरणा भी दी गई। जिले की जनपद पंचायत श्योपुर के ग्राम पाण्डोला की निवासी श्रीमती मुबीना पत्नी श्री इद्रिश ने बताया कि राज्य सरकार के माध्यम से मप्र डे-ग्रामीण आजीविका मिशन के समूहों को दी जा रही सुविधाओं के कारण मेरी आर्थिक स्थिति बदली है। साथ ही में अपनी खेती में दो फसले लेने में सक्षम बन रही हूं। |
आर्थिक तंगी से बाहर निकलने में सक्षम बनी मुबीना (खुशियों की दास्तां)