कटनी को मिलेगी मार्बल और चूना उद्योग की विशेष पहचान

सचिव खनिज और कलेक्टर ने ली उद्यमियों एवं अधिकारियों की बैठक
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राज्य शासन कटनी जिले के मार्बल तथा चूना उद्योग की विशेष पहचान को इन उद्योग धन्धों को पुर्नस्थापित कर आगे बढ़ाने की मंशा रखती है। निकट भविष्य में राज्य शासन के खनिज साधन मंत्री और प्रमुख सचिव खनिज विभाग कटनी में इन उद्योगों के उन्नयन के लिये उद्योगपतियों से चर्चा भी करेंगे। इस आशय की जानकारी खनिज सचिव नरेन्द्र सिंह परमार और कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने स्लीमनाबाद स्थिति औद्योगिक क्षेत्र स्टोन पार्क में आयोजित मार्बल और चूना उद्योग व्यवसायिकों की बैठक में दी। इस मौके पर महाप्रबंधक उद्योग अजय श्रीवास्तव, एमपीएसआईडीसी के अधिकारी, जिला खनिज अधिकारी संतोष सिंह, आजीविका मिशन की जिला परियोजना समन्वयक शबाना बेगम भी उपस्थित रहे।
 सचिव खनिज साधन नरेन्द्र सिंह परमार ने कहा कि राज्य शासन और खनिज मंत्री जी की मंशा है कि मार्बल और चूना उद्योग के क्षेत्र में कटनी की पहचान फिर से कायम हो। उन्होने कहा कि सरकार चाहती है कि उद्योगपति और व्यवसायी अच्छा और फेयर बिजनेस करें। ना केवल उद्योग बल्कि खनिज के संदर्भ में भी उद्योगपतियों की कठिनाईयों को दूरकर सरकार हैण्डहोल्ड सहायता करेगी। उन्होने कहा कि सरकार उद्योगों के उन्नयन मंे हर संभव मदद करेगी। लेकिन पहल उद्यमियों को ही करनी होगी। उन्होने मार्बल और चूना उद्योग की समस्याओं और उद्योग उन्नयन के संबंध में व्यवसायिकों, उद्योगपतियों से सुझाव लिये।
 सचिव खनिज साधन श्री परमार ने कहा कि राज्य शासन अधिकारियों और उद्यमियों के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक सोल कम्पनी बनाना चाहती है। स्टेट माईनिंग कॉर्पोरेशन के अन्तर्गत कम्पनी के अध्यक्ष एमडी माईनिंग कॉर्पोरेशन होंगे, जबकि जिला कलेक्टर वाईस प्रेसिडेन्ट होंगे। कम्पनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के रुप में चूना पत्थर और मार्बल उद्यमियों को 3 साल के रोटेशन में शामिल किया जायेगा। उन्होने कहा कि कम्पनी के माध्यम से उद्यमियों की कनेक्टिविटी वर्ल्ड लेवल की रहेगी। फिनिश प्रॉडक्ट की मार्केट इससे बेहतर सुलभ होंगी। वहीं ट्रान्सपोर्ट में भी बिना किसी परेशानियों के ट्रांजिट पास भी मिलेगा। उन्होने आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों को भी सोप स्टोन एवं शिल्पकारी तथा स्टोन कटिंग्स की ट्रेनिंग देकर इस कार्य से जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि सड़क पर घूमने वाले आवारा पशुओं के प्रबंधन और अपशिष्ट से जैविक खेती के लिये शहर के आस-पास के महिला स्वसहायता समूहों को संलग्न किया जा सकता है।
 कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि स्टोन पार्क को आजीविका मिशन की स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण देकर मार्बल फिनिशिंग के कार्य के साथ ही सोप स्टोन एवं शिल्पकारी, पत्थर कटिंग शिल्प की वस्तुओं का हब भी बनाया जा सकता है। स्टोन पार्क को पत्थर शिल्प और आकर्षक कलाकृतियों का माध्यम बनाकर स्वरोजगार के माध्यम भी तैयार किये जा सकते हैं।