सबलगढ़ के वार्ड 12 बेनीपुरा निवासी दिव्यांग ईशाक सहाय पुत्र नत्था सहाय अपनी दिव्यांगता को लेकर अपने आप को कोसते रहता था, कि आज मेरे पैर सही होते तो मैं भी अपने भाई एवं पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग करता। ईशाक सहाय ने बताया कि मैं छोटी सी परचूने की दुकान चलाता हूं, इस कार्य में भी दिव्यांगता आड़े आ जाती है।
ईशाक सहाय ने बताया कि जनसुनवाई में सभी लोग आवेदन लेकर कलेक्टर के पास पहुंचते थे मैं मन ही मन सोचता था कि मैं भी एक दिन कलेक्टर के समक्ष ट्रायस्किल मांगने जाऊं। जनसुनवाई में 5 नवंबर को दिव्यांग ईशाक सहाय ने कलेक्टर श्रीमती प्रियंकादास को आवेदन प्रस्तुत करते हुये ट्रायस्किल मांगने की गुहार की। कलेक्टर ने ईशाक सहाय से पूछा कि ट्रायस्किल लेकर क्या काम करोगे तब ईशाक बोला कि मैं परचूने की छोटी सी दुकान चलाता हूं। मुझे दुकान का सामान लाने के लिये दिव्यांगता आड़े आती है। कलेक्टर श्रीमती दास ने दिव्यांग ईशाक सहाय की बात को गंभीरता से सुना और उसे जनसुनवाई में ही सामाजिक न्याय विभाग से मौके पर ही ट्रायस्किल प्रदान की। दिव्यांग ईशाक सहाय मन ही मन कहने लगा कि अब मैं भाई एवं पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर घर गृहस्थी में सहयोग प्रदान करूंगा, ट्रायस्किल से घूमता, फिरूंगा एक दूसरे के घर जाकर मिलूंगा और अपना घर भी बसाऊंगा।