इससे आधी अयोध्या तमाम बंदिशों से घिर गई है। मोहल्लों में आने-जाने के रास्तों पर बैरिकेंडिंग करके पुलिस-पीएसी के साथ अर्धसैनिक बल के जवान तैनात किए गए हैं।
शहर में सुरक्षा घेरा पहले से ही तंग था, शुक्रवार से गांवों में भी सुरक्षा बलों की तैनाती शुरू कर दी गई है। सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां गांवों तक सक्रिय हैं। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में संवेदनशील स्थलों पर स्थित 95 से ज्यादा धर्मस्थल चिह्नित किए गए हैं।
इनको भी सुरक्षा दायरे में रखा जाएगा। शहरी क्षेत्र के ऐसे धर्मस्थलों के ईर्द-गिर्द सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में संवेदनशील 239 स्थलों को चिंहित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट से कभी भी फैसला आने को लेकर प्रशासन अब सुरक्षा तैयारी पुख्ता करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है।
कार्तिक मेला पर रामलला के दर्शन की अवधि बढ़ी
कार्तिक पूर्णिमा मेला में श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए 11 और 12 नवंबर को मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला के दर्शन अवधि एक घंटे बढ़ा दी गई है। एडीएम नगर डॉ. वैभव शर्मा ने बताया कि दोनों दिन पहली पाली में सुबह सात से साढ़े 11 बजे और दूसरी पाली में साढ़े 12 बजे से पांच बजे तक होगी। इसके बाद दर्शन अवधि पहले की ही तरह रहेगी।
10 अस्थायी जेलें बनाईं
'अयोध्या में पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद हैं। अब फैसले के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। बैरिकेडिंग से कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। सब सामान्य रहेगा। मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला के दर्शन में कोई बाधा नहीं आएगी। सुरक्षा के लिए एक हेलीकाप्टर भी यहां मौजूद रहेगा। 10 अस्थायी जेलें बनाई गई हैं।' - अनुज कुमार झा, डीएम, अयोध्या