लुटेरों की गैंग के फरार साथी राज वाल्मीक को क्राइम ब्रांच ने बुधवार को पकड़ लिया। मंगलवार को ही उस पर एडीजी
ग्वालियर । लुटेरों की गैंग के फरार साथी राज वाल्मीक को क्राइम ब्रांच ने बुधवार को पकड़ लिया। मंगलवार को ही उस पर एडीजी राजाबाबू सिंह ने इनाम की राशि बढ़ाई थी। पहले उस पर 10 हजार रुपए का इनाम था, मंगलवार को इनाम की राशि 30 हजार रुपए कर दी गई। आरोपी ने पकड़ने जाने के बाद नया खुलासा किया है। उसने पूछताछ में बताया कि 5 साल पहले नबाव गुर्जर के साथ ट्रांसपोर्ट नगर में व्यापारी राजीव भाटिया को लूटने का प्रयास किया था। लूट में असफल रहने पर गोलियां चलाकर भागे थे। गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
23 अक्टूबर को बैंक परिसर में गैस एजेंसी के मुनीम वासुदेव शर्मा को गोली मारकर तीन बदमाश 4.5 लाख रुपए लूट ले गए थे। क्राइम ब्रांच ने पांच दिन बाद ही मास्टरमाइंड धर्मेंद्र जाटव, शूटर नवीन शर्मा और उसके साथी आकाश जाट, तपेश पंडित, नबाव गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया था। इनका एक साथी राज वाल्मीक फरार था। लुटेरों से शहर में हुई आधा दर्जन लूट की और वारदातों का खुलासा हुआ था। राज की गिरफ्तारी पर एडीजी राजाबाबू सिंह ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। मंगलवार को इनाम की राशि बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दी गई। टीआई दामोदर गुप्ता ने बताया कि राज की घेराबंदी में दो दिन से लगे थे। मंगलवार को उसकी लोकेशन पहले मुरैना फिर ग्वालियर मिल रही थी। बुधवार को उसे गेंडेवाली सड़क पहाड़ी पर देखा गया। यहां घेराबंदी कर पकड़ लिया। उसके पास से कट्टा और तीन कारतूस मिले। पूछताछ में उसने बताया कि 5 साल पहले वह और नबाव गुर्जर ने मिलकर राजेश भाटिया को लूटने का प्रयास किया था। लेकिन लूट में कामयाब न होने पर गोली चलाकर भागे। इसके बाद वह धर्मेंद्र और अन्य साथियों से जुड़ गया।
किस वारदात में क्या भूमिका
आरोपी बोला- मुझे मिलते थे सिर्फ 10-15 हजार: राज ने बताया कि उसे धर्मेंद्र सिर्फ 10-15 हजार रुपए ही देता था। बोलता था कि लूट के रुपए हैं, इसलिए गरीबों में उसके हिस्से से भी रकम दान कर दी। वह धर्मेंद्र के साथ रैकी भी करता था। उसे गाने का शौक है, इसलिए लूट करने के बाद मुंबई चला जाता। यहां उसने कुछ दिन ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के साथ भी काम किया।