सोशल मीडिया पर भी धारा 144 लागू
भिण्ड कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री छोटेसिंह द्वारा पुलिस अधीक्षक श्री रूडोल्फ अल्वारेस के प्रतिवेदन पर रामजन्म भूमि एवं बाबरी मस्जिद को लेकर अयोध्या विवाद विचाराधीन प्रकरण में दोनो समुदाऐं हिन्दू और मुस्लिम की धार्मिक भावनाओं से जुडा होने से काफी संवेदनशील है। मा. उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के संभावित निर्णय के आलोक में दोनो संप्रदायों (हिन्दू /मुस्लिम) के कट्टरपंथी संगठन एवं असामाजिक तत्व संभावित निर्णय को लेकर अराजकता का माहौल निर्मित करने का प्रयास कर सकते है। मा. उच्चतम न्यायालय के आलोक में उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु तथा सोशल मीडिया (वाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, स्टाग्राम आदि) द्वारा भडकाऊ मैसिज करना व उसे फॉरवर्ड कर माहौल बिगाडने की कोशिश पर प्रतिबंध लगाने एवं किसी भी प्रकार का धरना/प्रदर्शन, रैली/जुलूस, बाई रैली, कैण्डल मार्च आदि पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही किसी व्यक्ति के द्वारा (सुरक्षा ड्यूटी में लगे अधिकारी/कर्मचारियों को छोडकर) हथियार लेकर चलने अथवा मौजूद रहने पर भी प्रतिबंध लगाने हेतु धारा 144 लगाए जाना आवश्यक है। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरूद्व भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा अन्य अधिनियमों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
जिला दण्डाधिकारी श्री छोटेसिंह ने आदेश में कहा है कि मा. उच्चतम न्यायालय से अयोध्या राम जन्म भूमि मंदिर के मसले पर आगामी दिवसों में फैसला आने की संभावना है। इस ज्वलंत मुद्दे पर संाप्रदायिक दंगे/ आतंकवादी घटनाऐं/ आपराधिक गतिविधियों के बढने के आसार है। इससे जिले की शांति व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था को खतरा होने की प्रबल संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही मानव जीवन एवं लोक सम्पत्ति को क्षति एवं संकट का भय बन सकता है। भिण्ड जिले की राजस्व सीमाओं के अंतर्गत दण्ड प्रक्रिया संहिता धारा 144 के तहत जारी प्रतिबंधित आदेश प्रभावशील रहने तक उक्त परिस्थितियों पर पूर्ण नियंत्रण रखा जाना आवश्यक है। जिससे क्षेत्र में असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव, तोड-फोड, आगजनी आदि हिंसक घटनाओं के कारण क्षेत्र में सामान्यजन जीवन एवं लोक सम्पत्ति को सुरक्षित रखना आवश्यक होने से तथा इसप्रकार की घटना से लोक शांति विछुब्ध हो सकती है। इसलिए लोक जीवन एवं लोक सम्पत्ति सुरक्षित रखा जाना अपरिहार्य है।
भिण्ड जिला दण्डाधिकारी श्री छोटेसिंह ने जिले की समस्त राजस्व सीमाओं के भीतर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह प्रतिबंधित आदेश जारी किया है। आदेश में कोई भी व्यक्ति अथवा समूह काफी अधिक संख्या में एकत्रित होकर किसी समुदाय के विरूद्व प्रदर्शन नहीं करेगें। कोई भी मकान मालिक प्रतिबंधित अवधि तक अपना मकान या उसका कोई भाग किराए पर नहीं देंगे जब तक कि यह किराऐदार या पेंइग गेस्ट का विवरण संबंधित थाने में प्रस्तुत नहीं करेगा। कोई भी धर्मशाला, लॉज संचालक उनके परिसर में स्थिति किसी भी कक्ष का उपयोग किसी भी व्यक्ति को जब तक नहीं करने देंगे जब तक कि निर्धारित फार्म में व्यक्तिगत जानकारी मय आधार कार्ड आदि परिचय पत्र के रजिस्टर में दर्ज न कर लें तथा प्रतिदिन इसकी जानकारी निकटतम थाने को आवश्यक रूप से उपलब्ध कराऐंगे। होटल, लॉज, धर्मशाला/ रिसोर्ट संचालक की जबावदारी होगी कि वह संदिग्ध व्यक्ति के पाए जाने पर तत्काल निकटतम थाना अथवा पुलिस कन्ट्रोल रूम को सूचना देना सुनिश्चित करेगा। कोई भी व्यक्ति अथवा समूह किसी भी शासकीय/ अशासीय/ अर्द्व शासकीय कार्यालय के समक्ष भीड के रूप में एकत्रित नहीं होंगे। कोई भी व्यक्ति या समूह किसी धरना, रैली/ प्रदर्शन का न तो निर्देशन करेगा और न उसमें भाग लेगा और न कोई सभा आयोजित करेगा। कोई व्यक्ति या समूह सार्वजनिक स्थान पर शस्त्र, लाठी, डण्डा, भाला, पत्थर, चाकू या अन्य धारदार हथियार साथ लेकर नहीं चलेगा। कोई भी व्यक्ति समुदाय/संगठन सोशल मीडिया में किसी भी प्रकार के पोस्ट, संदेश, चित्र ऑडियों या वीडियों सम्मिलित है, जिसमें धार्मिक, सामाजिक, जातिगत आदि भावनाऐं भडक सकती है या साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा होता हो, को नहीं प्रसारित करेगा या भेजगा। कोई भी व्यक्ति/समुदाय/संगठन आपत्तिजनक नारेबाजी, उन्माद फैलाने वाले भाषण एवं भडकाऊ पर्चे छपवाकर बांटना आदि कार्य नहीं करेगा और न ही उक्त कार्य करने हेतु प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति/ समुदाय/संगठन विभिन्न इन्टरनेट तथा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर, एसमएस, इस्टाग्राम इत्यादि संसाधनों का दुरूपयोग धार्मिक, सामाजिक, जातिगत आदि भावनाओं को भडकाने के लिए नहीं करेगा। सोशल मीडिया के किसी भी पोस्ट जिसमें धार्मिक भवना एवं साम्प्रदायिक भावना व जातिगत भावना भडकती हो, को लाइक या फारवर्ड नहीं करेगा। ग्रुप एडमिन की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इसप्रकार के संदेश को रोके। कोई भी व्यक्ति/समुदाय लोक जीवन एवं लोक सम्पत्ति को नुकसान नहीं पहुचाएगा न नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगा और न ही ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा।
यह प्रतिबंधात्मक आदेश निम्न सुरक्षा व्यवस्था आदि के लिए कर्तव्य पालन के समय लगे सुरक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, पुलिस बल, नगर सैनिक बल आदि पर तथा अधिकारियों की सुरक्षा हेतु लगाए पुलिस एवं अन्य शासकीय बल पर प्रभावशील नहीं होगा। बैंक सुरक्षा में लगे सुरक्षा गार्ड को बैंक परिसर में पर प्रभावशील नहीं होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर 07 नवम्बर 2019 से 15 दिसम्बर तक लागू रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरूद्व भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा अन्य अधिनियमों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।